क्लेमाइडिया सबसे आम, पूर्णतः उपचार-योग्य यौन-संचारित संक्रमण (STI) है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 2020 में वैश्विक स्तर पर लगभग 12.9 करोड़ नई संक्रमण हुईं WHO। जर्मनी में अनिवार्य रिपोर्टिंग नहीं है, इसलिए सटीक आँकड़े उपलब्ध नहीं; विशेषज्ञ लगभग 3 लाख वार्षिक मामलों का अनुमान लगाते हैं RKI अनुमान। समस्या यह है कि अधिकांश संक्रमित लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखते, जिससे निःशब्द जटिलताएँ—जैसे बांझपन—विकसित हो सकती हैं।
क्लेमाइडिया: कारण और संक्रमण के रास्ते
यह संक्रमण Chlamydia trachomatis नामक बैक्टीरिया से होता है, जो मूत्रमार्ग, गर्भाशय-ग्रीवा, मलाशय और गले की म्यूकोसा पर आक्रमण करता है। संचरण लगभग हमेशा असुरक्षित योनि, गुदा या मुख मैथुन के जरिए होता है। प्रसव के दौरान संक्रमित माँ अपने शिशु को भी बैक्टीरिया पहुँचा सकती है, जिससे नेत्रशोथ या न्यूमोनिया हो सकता है।
लक्षण जाँच: क्लेमाइडिया कितना “मौन” है?
CDC के अनुसार लगभग 70–95 % महिलाओं और करीब 50 % पुरुषों में कोई लक्षण नहीं दिखते। यदि लक्षण उभरते हैं, तो वे सामान्यतः संपर्क के 1–3 सप्ताह बाद दिखते हैं—तब तक बैक्टीरिया फैल चुका होता है।
महिलाओं में क्लेमाइडिया – सामान्य लक्षण व दीर्घकालीन परिणाम
प्रारंभिक संकेत (यदि हों तो):
- असामान्य, अक्सर जल-युक्त या मवाद-युक्त दुर्गंधयुक्त स्राव
- मासिक-धर्म के बीच या सहवास के बाद रक्तस्राव
- संभोग के दौरान दर्द (डिस्पारेयुनिया)
- पेशाब करते समय जलन (डिस्यूरिया)
- निचले पेट या पीठ में दर्द
इलाज न होने पर संभावित दीर्घकालीन प्रभाव:
- PID (पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज) – संक्रमण गर्भाशय व फ़ैलोपियन ट्यूब तक फैल जाता है
- सल्पिंगाइटिस – ट्यूब में निशान बनना, अवरोध
- बांझपन – उपचार न होने पर मामलों के 40 % तक में दर्ज
- एक्टोपिक प्रेग्नेंसी, प्री-टर्म डिलीवरी या गर्भपात का उच्च जोखिम
पुरुषों में क्लेमाइडिया – क्या अंतर है?
संभावित तीव्र लक्षण:
- मूत्रमार्ग से पारदर्शी या मवाद-युक्त स्राव
- पेशाब करते समय जलन या दर्द
- वृषण या एपिडिडाइमिस में सूजन/दर्द
सामान्य जटिलताएँ (दुर्लभ, पर संभव):
- एपिडिडिमाइटिस – एपिडिडाइमिस की सूजन, दर्द व बुखार
- प्रोस्टेटाइटिस या मूत्रमार्ग सिकुड़ना
- शुक्राणु गुणवत्ता में कमी, जिससे प्रजनन-समस्या
- रिएक्टिव आर्थराइटिस (रीटर सिंड्रोम) – जोड़ों, आँखों, त्वचा में सूजन
ध्यान दें: लक्षण-रहित पुरुष भी संक्रमण फैला सकते हैं—इसलिए दोनों साथी का इलाज अनिवार्य है।
इलाज न होने पर साझा जोखिम
- पुराने पेल्विक/पेट के निचले हिस्से का दर्द
- महिलाओं में बांझपन; पुरुषों में कम हुई प्रजनन-क्षमता
- नवजात में नेत्रशोथ या निमोनिया
सच्चे मायनों में प्रभावी रोकथाम
- कंडोम – लगातार और सही उपयोग पर अत्यधिक प्रभावी
- नियमित जांच – CDC सक्रिय यौन महिलाओं (25 वर्ष तक) के लिए वार्षिक स्क्रीनिंग सुझाता है; उसके बाद जोखिम-आधारित
- यौन साथियों की संख्या सीमित करें या संयुक्त जाँच अंतराल तय करें
- हर उपयोग के बाद सेक्स-टॉय साफ करें या नया कंडोम चढ़ाएँ
- गर्भावस्था के पहले ट्राइमेस्टर में क्लेमाइडिया टेस्ट करवाएं
वर्तमान उपचार – डॉक्सीसाइक्लिन ने एजिथ्रोमाइसिन को क्यों बदला
क्लेमाइडिया लगभग हमेशा एंटीबायोटिक से ठीक हो जाती है। नई गाइडलाइंस सात दिन तक डॉक्सीसाइक्लिन को प्राथमिकता देती हैं, क्योंकि अध्ययन एजिथ्रोमाइसिन प्रतिरोध के बढ़ने और डॉक्सीसाइक्लिन की थोड़ी बेहतर प्रभावशीलता दिखाते हैं। टेट्रासाइक्लिन या मैक्रोलाइड के प्रति साबित प्रतिरोध अभी भी बहुत दुर्लभ है।
निदान और बुनियादी जांच
जांच के प्रकार
- NAAT / PCR – अत्यधिक विश्वसनीय; नतीजे 1–2 दिन में
- रैपिड टेस्ट – ~20 मिनट में परिणाम, पर कम सटीक (केवल स्क्रीनिंग)
सैंपल विकल्प
- महिलाएँ: योनि स्वाब (स्व-संग्रह या चिकित्सक द्वारा) या सुबह का पहला मूत्र
- पुरुष: पहला मूत्र-धारा; लक्षण होने पर मूत्रमार्ग स्वाब
डॉक्टर से कब संपर्क करें
WHO के अनुसार 12 महीने (35 से ऊपर महिलाओं में 6 महीने) असुरक्षित सहवास के बाद भी गर्भ न ठहरना बांझपन माना जाता है। सामान्य कारणों में अनुपचारित क्लेमाइडिया, एंडोमेट्रियोसिस और हार्मोनल गड़बड़ियाँ शामिल हैं।
- अनजान स्राव, जलन या रक्तस्राव? → तुरंत जांच करवाएँ
- नई संबंध में अद्यतन STI-स्टेटस नहीं? → दोनों की जांच अनिवार्य
- रिपोर्ट पॉजिटिव? → दोनों पार्टनर का इलाज कराएँ व 7 दिन यौन-संपर्क न करें
निष्कर्ष
क्लेमाइडिया आम है, अक्सर लक्षण-रहित, पर पूरी तरह इलाज-योग्य। नियमित जांच, कंडोम का निरंतर उपयोग और समय पर एंटीबायोटिक उपचार बांझपन जैसी गंभीर जटिलताओं के जोखिम को काफी घटा देते हैं। अपनी यौन-स्वास्थ्य में निवेश करें—रोकथाम देर से उपचार से कहीं आसान है।