2025 में भारत में शुक्र दाता बनने के लिए – योग्यता, प्रक्रिया और प्रतिपूर्ति

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लेखिका: फिलोमेना मार्क्स26 जून 2025
एक शुक्र दाता फर्टिलिटी क्लिनिक में फॉर्म भरता हुआ

क्या आप शुक्र दाता बनने के बारे में सोच रहे हैं? भारत में, दाता शुक्र हर साल सैकड़ों इच्छुक माता-पिता की सहायता करता है—चाहे वे अकेली महिलाएँ हों, LGBTQ+ युगल हों, या सामान्य युगल जो बांझपन की समस्याओं का सामना कर रहे हों। यह मार्गदर्शिका 2025 के लिए एक स्पष्ट अवलोकन प्रदान करती है: योग्यता, चिकित्सा मानक, चरण-दर-चरण प्रक्रिया, ART (विनियमन) अधिनियम 2021 के तहत कानूनी रूपरेखा, और दाता प्रतिपूर्ति।

शुक्र दाता क्यों बनें? प्रेरणा और लाभ

  • परहितकारी योगदान: आप इच्छुक माता-पिता को परिवार को पूरा करने का अवसर देते हैं।
  • विस्तृत स्वास्थ्य जांच: ICMR दिशानिर्देशों के तहत मुफ्त रक्त परीक्षण, शुक्राणु विश्लेषण और आनुवंशिक स्क्रीनिंग।
  • व्यय प्रतिपूर्ति: आमतौर पर प्रति डोनेशन ₹3,000–₹5,000 यात्रा और असुविधा के लिए।
  • आनुवंशिक विरासत: माता-पिता की जिम्मेदारियाँ उठाए बिना आप अपनी DNA योगदान करते हैं।

योग्यता मानदंड: आयु, स्वास्थ्य और विश्वसनीयता

ART (विनियमन) अधिनियम 2021 और ICMR दिशानिर्देशों के तहत, क्लिनिक्स निम्नलिखित आवश्यकताएँ रखते हैं:

  • आयु 21–35 वर्ष: भारतीय क्लिनिक्स अंतरराष्ट्रीय मानकों से संकुचित आयु सीमा निर्धारित करते हैं।
  • अच्छा स्वास्थ्य: HIV, हेपटाइटिस B/C या अन्य संक्रामक रोग नहीं; आनुवंशिक विकार नहीं; BMI 30 से कम।
  • विश्वसनीयता: 3–6 महीनों के लिए साप्ताहिक 1–2 डोनेशन देने की प्रतिबद्धता एवं जीवनशैली दिशानिर्देशों का पालन।

चिकित्सा मानक और क्वारंटीन

ICMR और NARI प्रोटोकॉल के अनुसार, प्रत्येक नमूने में न्यूनतम 15 मिलियन शुक्राणु प्रति मि.ली. हो और ≥ 32% प्रगतिशील गतिशीलता होनी चाहिए। नमूने –196 °C पर क्रायोप्रिजर्व किए जाते हैं, 90 दिनों के क्वारंटीन के बाद फिर से परीक्षण किए जाते हैं और तभी जारी किए जाते हैं, जो ART नियमों का अनुपालन है।

शुक्र दान प्रक्रिया – चरण-दर-चरण

  1. पंजीकरण एवं साक्षात्कार: फार्म भरें और अपनी चिकित्सीय तथा पारिवारिक पृष्ठभूमि क्लिनिक काउंसलर से साझा करें।
  2. स्क्रीनिंग चरण: रक्त एवं मूत्र परीक्षण, दो शुक्राणु विश्लेषण, आनुवंशिक परीक्षण और चिकित्सक जांच।
  3. दान अपॉइंटमेंट: प्रत्येक सप्ताह 1–2 बार निजी कलेक्शन रूम में जाकर दान दें; प्रत्येक दान से पहले 2–3 दिन निरोध बनाए रखें।
  4. क्रायोप्रिजर्वेशन: नमूने कई वायल में विभाजित कर तरल नाइट्रोजन में संग्रहित किए जाते हैं।
  5. क्वारंटीन एवं जारी: 90 दिन क्वारंटीन के बाद पुनः संक्रमण परीक्षण; स्वीकृत नमूने वितरण के लिए जारी।
  6. कार्यक्रम समापन एवं विस्तार: आमतौर पर 10–15 दान; क्लिनिक से परामर्श कर विस्तार संभव।

RattleStork के माध्यम से शुक्र दान – लचीला विकल्प

RattleStork एक प्लेटफ़ॉर्म है जो दाताओं को इच्छुक माता-पिता से जोड़ता है। आप घर पर इन्सेमिनेशन आयोजित कर सकते हैं और सीधे शर्तें निर्धारित कर सकते हैं—RattleStork आपके बजाय अनुबंध नहीं करता। सभी चिकित्सा और कानूनी औपचारिकताएँ ICMR दिशानिर्देशों के अनुसार स्व-प्रबंधित करें।

RattleStork ऐप इंटरफ़ेस
चित्रण: RattleStork ऐप

प्रतिपूर्ति और कर उपचार

प्रति दान ₹3,000–₹5,000 यात्रा और असुविधा की भरपाई करता है। यह राशि गैर-कर योग्य प्रतिपूर्ति मानी जाती है—पालन हेतु रसीदें रखें।

तैयारी और व्यावहारिक सुझाव

  1. दान से पहले 2–3 दिन का निरोध बनाए रखें।
  2. शराब और तम्बाकू सीमित करें—4–6 सप्ताह में सुधार देख सकते हैं।
  3. जिंक, फोलिक एसिड और ओमेगा-3 से भरपूर संतुलित आहार लें (Nature 2020).
  4. हल्की सक्रियता और पर्याप्त नींद से तनाव कम करें।
  5. अपना ID, Aadhaar और पारिवारिक चिकित्सा इतिहास साथ रखें।

त्वरित जांच सूची: क्या आप पात्र हैं?

  • ✓ आयु 21–35 वर्ष
  • ✓ BMI 30 से कम
  • ✓ प्रमुख संक्रामक या आनुवंशिक विकारों से मुक्त
  • ✓ 3–6 महीनों में 10–15 दान दे सकने की क्षमता
  • ✓ 90-दिन क्वारंटीन और पुनः परीक्षण स्वीकार्यता
  • ✓ ART नियमों के तहत डेटा भंडारण की सहमति
  • ✓ 18 वर्ष की आयु के बाद दत्तक-शुक्राणु से उत्पन्न व्यक्तियों द्वारा गैर-पहचान जानकारी अनुरोध की समझ

निष्कर्ष

भारत में शुक्र दाता बनना 2025 में ART (विनियमन) अधिनियम 2021 और ICMR दिशानिर्देशों के तहत पारदर्शी और सुरक्षित है। पात्रता मानदंडों को पूरा करके और प्रक्रिया का पालन करके, आप न्यूनतम प्रयास में परिवारों को सशक्त बना सकते हैं—उचित प्रतिपूर्ति और कानूनी सुरक्षा के साथ।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)