कई लोगों के लिए सरोगेसी माता-पिता बनने की अंतिम राह जैसी लग सकती है। भारत में यह पूरी तरह नियमित है: केवल परोपकारी (altruistic) सरोगेसी अनुमत है, व्यावसायिक सरोगेसी प्रतिबंधित। यह लेख मॉडल्स, भारत के वर्तमान कानून, सामान्य चिकित्सीय जोखिम, अंतरराष्ट्रीय लागत-तथ्य और विदेश में होने वाले मामलों की प्रक्रियाएँ समझाता है—साथ ही ऐसे सुरक्षित विकल्प बताता है जिनमें बच्चे के अधिकार, पारदर्शिता और दस्तावेज़ीकरण केंद्र में रहें।
सरोगेसी क्या है
सरोगेसी ऐसा प्रबंध है जिसमें एक महिला (सरोगेट) इच्छित माता-पिता के लिए गर्भ धारण करती है और जन्म के बाद शिशु उनकी देखभाल में चला जाता है। मॉडल के अनुसार सरोगेट का शिशु से आनुवंशिक संबंध हो भी सकता है और नहीं भी। विषय की चिकित्सा–कानूनी–नैतिक जटिलता के चलते सभी पक्षों के लिए स्वतंत्र परामर्श आवश्यक है।
रूप: पारंपरिक बनाम जेस्टेशनल
पारंपरिक सरोगेसी: सरोगेट स्वयं अपना अंडाणु उपयोग करती है, अतः आनुवंशिक संबंध रहता है—कानूनी व भावनात्मक जटिलता अधिक होती है और कई देशों में यह स्वीकृत नहीं है।
जेस्टेशनल सरोगेसी: भ्रूण इच्छित माता-पिता/दाता के गैमीट से बनता है और सरोगेट का आनुवंशिक संबंध नहीं होता। वैश्विक स्तर पर यही अधिक प्रचलित है—भारत के नियमन का भी फोकस यही है।
भारत का कानूनी ढांचा
Surrogacy (Regulation) Act, 2021 के अनुसार केवल परोपकारी सरोगेसी अनुमत है—सरोगेट को उपचार-संबंधी स्वीकृत खर्च व बीमा के अतिरिक्त कोई पारिश्रमिक/प्रोत्साहन नहीं। नियमों, पंजीकरण व प्राधिकरणों का संचालन राष्ट्रीय ART & Surrogacy पोर्टल से होता है।
नियमों में 2022–24 के दौरान महत्वपूर्ण स्पष्टिकरण हुए। 2023 में अधिसूचित नियमों ने इच्छित दंपती के लिए दोनों गैमीट स्वयं के होने की शर्त रखी और दाता-गैमीट निषिद्ध बताए (गजट, 14 मार्च 2023)। फरवरी 2024 में केंद्र ने नियमों में संशोधन कर दाता अंडाणु/शुक्राणु की अनुमति दी, बशर्ते कम-से-कम एक गैमीट इच्छित दंपती का हो—विशेषकर चिकित्सीय अक्षमता के मामलों में (Indian Express, 24 फरवरी 2024; पोर्टल: artsurrogacy.gov.in)। सर्वोच्च न्यायालय ने 2024–25 में कुछ मामलों में आयु/दाता-गैमीट संबंधी प्रश्नों पर सीमित राहत व व्याख्याएँ दीं (समाचार सार के लिए देखें: TOI, 9 अक्टूबर 2025 और ThePrint, 11 जनवरी 2024)।
व्यावहारिक अर्थ: व्यावसायिक सरोगेसी निषिद्ध, मध्यस्थ/एजेंसी शुल्क निषिद्ध; केवल दस्तावेजित वास्तविक खर्च व बीमा अनुमत। योग्यता, चिकित्सा/मनोसामाजिक आकलन, सहमति और पंजीकरण के लिए राज्य/केंद्र की उचित प्राधिकारी से स्वीकृति जरूरी है (संदर्भ: दिल्ली स्वास्थ्य विभाग—Surrogacy & ART)।
विदेश में जन्म: दस्तावेज़ व वापसी
यदि विदेश मार्ग पर विचार हो तो प्रारम्भ से ही योजना बनें: स्थानीय कानून, pre/post-birth orders, जन्म प्रमाण-पत्र प्रक्रिया, शिशु के यात्रा-पत्र/नागरिकता, और भारत में माता-पिता/नागरिकता की मान्यता। ठोस कानूनी आधार के बिना पासपोर्ट/वापसी में देरी हो सकती है। प्रक्रियात्मक, तटस्थ मार्गदर्शन के लिए (किसी देश की सिफारिश नहीं) देखें: GOV.UK – Surrogacy overseas।
चिकित्सीय पहलू व जोखिम
सरोगेसी प्रायः IVF पर आधारित होती है। संभावित जोखिम: हार्मोनल दुष्प्रभाव (जैसे OHSS), बहु-भ्रूण गर्भावस्था—जिससे समयपूर्व जन्म व प्रीक्लेम्प्सिया का जोखिम बढ़ता है—साथ ही सभी पक्षों पर मनोसामाजिक दबाव। स्वतंत्र चिकित्सीय व मनोसामाजिक परामर्श तथा बहु-भ्रूण से बचाव हेतु सावधान भ्रूण-ट्रांसफर नीति की सिफारिश की जाती है। सुलभ रोगी-सूचना (अंग्रेज़ी): HFEA – Surrogacy।
देशवार लागत-परिदृश्य
कुल लागत देश, मॉडल (altruistic = खर्च वापसी; commercial = पारिश्रमिक), IVF चक्रों की संख्या, न्यायिक आदेश/अभिलेख, बीमा और यात्रा/ठहराव पर निर्भर करती है। वैश्विक अनुभवों में बजट अक्सर मध्यम पाँच अंकों से लेकर छह अंकों (USD/EUR) तक दिखते हैं। नीचे दिया सारणीबद्ध चित्रण निर्देशात्मक है—कोई सिफारिश नहीं।
| देश/क्षेत्र | कानूनी स्थिति (संक्षेप) | भुगतान का सामान्य स्वरूप | कुल लागत (आकंलित)* |
|---|---|---|---|
| भारत | केवल परोपकारी; व्यावसायिक निषिद्ध; पंजीकरण अनिवार्य | दस्तावेजित वास्तविक खर्च + बीमा | मध्यम–उच्च पाँच अंकों का स्तर |
| यूनाइटेड किंगडम | Altruistic; जन्म के बाद Parental Order | केवल दस्तावेजित खर्च-प्रतिपूर्ति | मध्यम पाँच अंकों का स्तर |
| कनाडा | Altruistic (संघीय); पारिश्रमिक निषिद्ध | नियमित खर्च-प्रतिपूर्ति | मध्यम पाँच अंकों का स्तर |
| संयुक्त राज्य अमेरिका | राज्यपरक; कई जगह commercial मान्य | पारिश्रमिक + एजेंसी/क्लिनिक/कानूनी शुल्क | उच्च पाँच से छह अंकों तक |
| ग्रीस | न्यायालयीय अनुमति; विनियमित | पारिश्रमिक अनुमत | उच्च पाँच अंकों का स्तर |
| जॉर्जिया | नियम परिवर्तनशील | कभी-कभी पारिश्रमिक | मध्यम पाँच अंकों का स्तर |
| यूक्रेन | ऐतिहासिक रूप से commercial; स्थिति अस्थिर | पारिश्रमिक प्रचलित | उच्च चार से मध्यम पाँच अंक |
| मेक्सिको | राज्य के अनुसार भिन्न | कुछ स्थानों पर पारिश्रमिक | विस्तृत दायरा |
| दक्षिण अफ्रीका | जन्म-पूर्व न्यायालयीय स्वीकृति | Altruistic; दस्तावेजित खर्च | मध्यम पाँच अंक |
| ऑस्ट्रेलिया/न्यूज़ीलैंड | राज्यपरक; commercial निषिद्ध | खर्च-प्रतिपूर्ति | निम्न–मध्यम पाँच अंक |
| फ़्रांस/स्पेन/इटली/पुर्तगाल | निषिद्ध; मान्यता जटिल | — | — |
| नीदरलैंड/बेल्जियम/डेनमार्क | कड़े प्रतिबंध | जहाँ स्वीकृत वहाँ खर्च | निम्न–मध्यम पाँच अंक |
| पोलैंड/चेकिया | ग्रे क्षेत्र; भिन्न-भिन्न प्रथाएँ | मामला-विशेष | विस्तृत दायरा |
| इज़राइल | कमीटी अनुमोदन सहित विनियमित | पारिश्रमिक/खर्च | उच्च पाँच अंक |
*आकंलन क्षेत्र, चक्रों की संख्या, बीमा, न्यायिक प्रक्रियाओं और ठहराव की अवधि पर निर्भर। भारत में व्यावसायिक भुगतान निषिद्ध है; केवल रसीदी/दस्तावेजित वास्तविक खर्च स्वीकार्य। संदर्भ: अधिनियम 2021, राष्ट्रीय पोर्टल.
विदेशी मॉडल व प्रवृत्तियाँ
दुनिया में broadly तीन मॉडल दिखते हैं: पूर्ण प्रतिबंध, Altruistic (केवल खर्च-प्रतिपूर्ति), और Commercial (पारिश्रमिक)। किसी भी देश में जाएँ, मूल बातें समान: स्पष्ट अनुबंध व नियंत्रण, प्रमाणित क्लिनिकल मानक, दोनों देशों में अभिभावकत्व मान्यता का रास्ता, शिशु की नागरिकता/यात्रा-पत्र योजना। प्रक्रियात्मक समझ के लिए (अंग्रेज़ी): The Surrogacy Pathway – GOV.UK, रोगी सूचना: HFEA।
परिवार-निर्माण के विकल्प
- दत्तक ग्रहण/पालन-पोषण (फोस्टर): राज्य-नियंत्रित मार्ग जिनमें बच्चे की सुरक्षा सर्वोपरि और परामर्श उपलब्ध रहता है।
- शुक्राणु-दान (Donor insemination): भारत में ART/दान नियमों के अंतर्गत नियंत्रित; आमतौर पर सरोगेसी की तुलना में चिकित्सा व कानूनी ढांचा अधिक स्पष्ट। सहमति, ट्रेसबिलिटी और दस्तावेज़ीकरण पर विशेष ध्यान रखें (सामान्य जानकारी: ART & Surrogacy पोर्टल)।
- अन्य ART विकल्प: IVF/ICSI आदि—लेकिन सरोगेसी से अलग; अपनी स्थिति अनुसार उपचार का चयन करने से पहले स्वतंत्र चिकित्सीय व कानूनी सलाह लें।
महत्वपूर्ण सूचना व RattleStork विकल्प
RattleStork सरोगेसी प्रदान नहीं करता, न ही सरोगेसी की दलाली/आयोजन/क्रियान्वयन के लिए कोई प्लेटफ़ॉर्म है। हम ऐसे प्रस्तावों से स्पष्ट दूरी बनाते हैं।
सुरक्षित विकल्प के रूप में हम भारत में लोगों को शुक्राणु-दान आधारित, स्पष्ट व दस्तावेज़ीकृत मार्ग पर सूचनापूर्ण शुरुआत में मदद करते हैं—सत्यापित प्रोफ़ाइल, व्यावहारिक गाइड और विश्वसनीय परामर्श-सेवाओं की ओर मार्गदर्शन के साथ—ताकि चिकित्सा-सुरक्षा, दस्तावेज़ीकरण और बच्चे के अधिकार केंद्र में रहें।

निष्कर्ष
भारत में सरोगेसी का ढांचा सख्त है: केवल परोपकारी मॉडल; व्यावसायिक भुगतान व एजेंसी-फीस निषिद्ध; पंजीकरण व प्राधिकरण अनिवार्य। 2024 के बाद दाता-गैमीट सीमित शर्तों के साथ स्वीकार्य हुए, पर कम-से-कम एक गैमीट इच्छित दंपती का होना चाहिए। विदेश-मार्ग विविध और बदलते रहते हैं—ठोस चिकित्सा व कानूनी योजना के बिना अभिभावकत्व/नागरिकता/वापसी में जटिलताएँ संभव। कम-जोखिम विकल्पों—शुक्राणु-दान, दत्तक ग्रहण/फोस्टर—पर विचार करें और आरंभ से स्वतंत्र चिकित्सा व कानूनी सलाह लें।

