गर्भावस्था में रक्तस्त्राव: कारण, चेतावनी संकेत और मासिक धर्म से अंतर कैसे पहचाने

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लिखा गया: फिलोमेना मार्क्स27 जून 2025
गर्भावस्था की शुरुआत में गाढ़ा लाल रक्तस्राव

गर्भावस्था में रक्तस्राव कई आने वाले माता-पिता के लिए चिंता का विषय हो सकता है। यद्यपि इस समय में सच्चा मासिक धर्म हो ही नहीं सकता, लेकिन विभिन्न प्रकार के रक्तस्राव हो सकते हैं—साधारण इम्प्लांटेशन स्पॉटिंग से लेकर गंभीर जटिलताएँ जैसे बाह्य गर्भावस्था तक। यह गाइड मुख्य कारणों को समझाता है, सामान्य लक्षणों को उजागर करता है, अनुशंसित जांचों का वर्णन करता है और आपको सही प्रतिक्रिया देने के लिए व्यावहारिक सलाह देता है।

गर्भवस्था के दौरान मासिक धर्म क्यों नहीं हो सकता

मासिक धर्म तब होता है जब गर्भावस्था न होने पर गर्भाशय की परत (एंडोमेट्रियम) ढह जाती है। गर्भावस्था के दौरान यह परत भ्रूण को पोषण देने के लिए बनी रहती है। इसलिए, गर्भावस्था में होने वाला कोई भी रक्तस्राव अन्य कारणों से होता है—मासिक धर्म चक्र से नहीं।

मासिक धर्म बनाम गर्भावस्था में रक्तस्राव: कैसे पहचानें

मासिक धर्म: 3–7 दिनों तक भारी, लगातार प्रवाह, चक्रीय रूप से होता है, अक्सर पेट में ऐंठन के साथ।
गर्भावस्था में रक्तस्राव: प्रायः हल्का स्पॉटिंग (spotting), गुलाबी से गहरा लाल, कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक रहता है, समय अनियमित होता है।

त्वरित जाँच: रंग, मात्रा और अन्य लक्षण कैसे समझें

छोटे अंतर भी संकेत दे सकते हैं:

  • हल्का गुलाबी या भूरा: आमतौर पर इम्प्लांटेशन या हार्मोनल स्पॉटिंग का संकेत।
  • सम्बंध या जांच के बाद चमकीला लाल स्पॉटिंग: संवेदनशील गर्भाशय ग्रीवा से संपर्कजनित रक्तस्राव।
  • गहरा लाल, भारी, ऊतक के टुकड़े के साथ: संभावित गर्भपात का खतरा; चिकित्सीय जाँच जरूरी।
  • एकतरफा दर्द या चक्कर के साथ अचानक भारी रक्तस्राव: बाह्य गर्भावस्था या प्लेसेंटल समस्या का संदेह; तुरंत आपातकालीन सेवा लें।

गर्भावस्था में रक्तस्राव के सामान्य कारण

इम्प्लांटेशन स्पॉटिंग

निषेचन के 6–12 दिन बाद भ्रूण गर्भाशय की परत में घुसता है, जिससे छोटे रक्त वाहिकाएँ टूट सकती हैं। यह बहुत हल्का गुलाबी या भूरा स्पॉटिंग के रूप में होता है, जो दो दिन से अधिक नहीं रहता। अधिक जानकारी के लिए देखें ACOG (USA)

हार्मोनल “ब्रेकथ्रू” रक्तस्राव

अपेक्षित मासिक धर्म तिथि के आसपास हार्मोनल अस्थायी उतार-चढ़ाव से हल्का खून निकल सकता है। यह सामान्य अवधि की अपेक्षा कम समय और मात्रा में होता है और स्वयं समाप्त हो जाता है।

संपर्कजनित रक्तस्राव

गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय ग्रीवा में रक्त वाहिकाएँ अधिक होती हैं। संभोग या गर्भाशय जांच से ऊपरी वाहिकाएँ क्षतिग्रस्त हो सकती हैं, जिससे चमकीला लाल रक्तस्राव होता है जो आमतौर पर कुछ घंटों में रुक जाता है।

संक्रमण और सूक्ष्म चोटें

बैक्टीरियल वजिनोसिस, यीस्ट संक्रमण या टैम्पोन उपयोग से छोटी खरोंचें गर्भाशय की परत को परेशान कर सकती हैं। वजाइनल स्वैब संक्रमण का पता लगाता है और उपचार मार्गदर्शित करता है। देखें NHS (UK)

गंभीर जटिलताएँ

कुछ रक्तस्राव आपात स्थिति की ओर संकेत करते हैं:

  • बाह्य गर्भावस्था (Ectopic pregnancy): लगभग 6 सप्ताह के बाद, एक तरफ तेज दर्द और भारी रक्तस्राव।
  • गर्भपात (Miscarriage): ऐंठन जैसे दर्द, बढ़ता रक्तस्राव और ऊतक का बहना।
  • प्लेसेंटा प्रेविया या प्लेसेंटल अलगाव: दूसरे या तीसरे तिमाही में बिना दर्द के चमकीला लाल रक्तस्राव; हमेशा आपातकालीन।
गर्भावस्था में रक्तस्राव का अल्ट्रासाउंड
ट्रांसवेजाइनल अल्ट्रासाउंड रक्तस्राव के स्रोत का पता लगाता है और शिशु की स्थिति सुनिश्चित करता है।s

त्रैमासिक आधार पर रक्तस्राव: कितनी बार होता है?

पहला तिमाही (0–12 सप्ताह)

इस दौरान हल्का रक्तस्राव सबसे आम है—इम्प्लांटेशन या हार्मोनल बदलाव के कारण। फिर भी, जटिलताओं से बचने के लिए जाँच आवश्यक है।

दूसरा तिमाही (13–27 सप्ताह)

रक्तस्राव कम होता है। यदि होता है, तो प्लेसेंटा की स्थिति और गर्भाशय ग्रीवा की लंबाई की जाँच की जाती है।

तीसरा तिमाही (28–40 सप्ताह)

कोई भी ताजा रक्तस्राव गंभीर हो सकता है—यह समयपूर्व प्रसव या प्लेसेंटल अलगाव का संकेत दे सकता है और तत्काल अस्पताल में मूल्यांकन जरूरी है।

निदान: कौन से परीक्षण क्या दिखाते हैं?

तेज़ी से स्पष्टता पाने के लिए चिकित्सक कई परीक्षण एक साथ करते हैं:

  • ट्रांसवेजाइनल अल्ट्रासाउंड: भ्रूण, हृदयधड़कन और प्लेसेंटा का स्थान निर्धारित करता है।
  • डोप्लर सोनोग्राफी: गर्भाशय और प्लेसेंटा में रक्त प्रवाह का आकलन करती है।
  • लैब परीक्षण: hCG स्तर, प्रोजेस्टेरोन, संपूर्ण रक्त गणना और सूजन के मार्कर की जांच।
  • वजाइनल स्वैब: बैक्टीरिया या फफूँद संक्रमण का पता लगाता है (RCOG).

स्वयं निगरानी और प्राथमिक चिकित्सा

हल्का रक्तस्राव देखें? ये करें:

  • निगरानी: रंग, मात्रा और अवधि नोट करें, साथ ही दर्द, बुखार या चक्कर भी दर्ज करें।
  • सैनीटरी पैड इस्तेमाल करें: टैम्पोन से बचें ताकि रक्तस्राव का सही आकलन हो सके।
  • विश्राम: भारी काम, व्यायाम और भारी वजन उठाने से बचें।
  • चिकित्सकीय सहायता लें: यदि रक्तस्राव बढ़ता है, ऊतक निकलता है या चक्कर आता है तो तुरंत क्लिनिक या अस्पताल जाएँ।

निष्कर्ष

गर्भावस्था में रक्तस्राव चिंताजनक हो सकता है, लेकिन अक्सर हानिरहित होता है। चूँकि यह मासिक धर्म नहीं हो सकता, कोई भी रक्तस्राव तुरंत जाँच कराना चाहिए ताकि गंभीर कारण बाहर किए जा सकें और माँ व शिशु की सुरक्षा सुनिश्चित हो।

प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

मासिक धर्म में कई दिनों तक भारी, नियमित प्रवाह होता है, जबकि गर्भावस्था में रक्तस्राव आमतौर पर हल्का मनचटना होता है, रंग हल्का लाल से गहरा लाल तक होता है और अनियमित होता है।

हाँ, भ्रूण के घुसपैठ (इम्प्लांटेशन) या हार्मोनल परिवर्तन के कारण हल्का मनचटना हो सकता है।

यह निषेचन के 6–12 दिन बाद होता है जब भ्रूण गर्भाशय की दीवार में जुड़ता है, जिससे बहुत हल्का मनचटना होता है।

अचानक भारी रक्तस्राव, तीव्र एकतरफा दर्द, चक्कर या ऊतक निकलने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लें।

यह संभावित गर्भपात की आशंका दर्शा सकता है और चिकित्सीय मूल्यांकन आवश्यक है।

यह संभोग या जांच के दौरान गर्भाशय ग्रीवा की रक्त वाहिकाओं को हल्की क्षति से होता है, जिससे थोड़ी देर के लिए चमकीला लाल रक्तस्राव होता है।

यह हार्मोनल परिवर्तन के चलते अस्थायी रूप से होने वाला हल्का, अल्पकालिक रक्तस्राव है।

बैक्टीरियल वैजिनोसिस और यीस्ट संक्रमण गर्भाशय की परत को उत्तेजित कर सकते हैं और मनचटना करा सकते हैं।

यह भ्रूण, धड़कन और प्लेसेंटा का सटीक स्थान दिखाता है तथा रक्तस्राव के स्रोत की पहचान करता है।

hCG और प्रोजेस्टेरोन के लगातार परीक्षण गर्भावस्था की प्रगति और संभावित जटिलताओं का आकलन करते हैं।

यह अक्सर छह सप्ताह के बाद तीव्र एकतरफा दर्द और भारी रक्तस्राव के साथ होती है।

ऐंठन जैसी दर्द, बढ़ता रक्तस्राव और ऊतक का निकलना संभावित गर्भपात का संकेत हैं।

यह तब होता है जब प्लेसेंटा गर्भाशय के मुख को आंशिक या पूरी तरह से ढक लेती है, जिससे बाद में दर्दरहित चमकीला लाल रक्तस्राव होता है।

यह प्लेसेंटा का समय से पहले पृथक्करण है, जो अचानक भारी रक्तस्राव और पेट दर्द का कारण बनता है।

लगभग 20–30% गर्भवती महिलाओं को पहली तिमाही में हल्का रक्तस्राव होता है।

दूसरी तिमाही में रक्तस्राव कम होता है और आमतौर पर प्लेसेंटा की स्थिति तथा गर्भाशय ग्रीवा की लंबाई की जांच की जाती है।

हाँ, तीसरी तिमाही में किसी भी ताजे रक्तस्राव में तुरंत चिकित्सा मूल्यांकन आवश्यक है।

आराम, पैड का प्रयोग (टैम्पोन नहीं), भारी वजन न उठाएँ और तनाव कम करें।

पर्याप्त फोलिक एसिड, नियमित पूर्व प्रसव जांच और असाधारण शारीरिक गतिविधि से बचाव जैसे उपाय सहायक हैं।

मनचटना लगातार होने पर अपने प्रसूति विशेषज्ञ से परामर्श करें, आराम करें, रक्तस्राव पर नज़र रखें और डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें।