सर्वाइकल म्यूकस (गर्भाशय ग्रीवा का श्लेष) चक्र के साथ बदलता है और “उपजाऊ खिड़की” का एक भरोसेमंद दैनिक संकेतक है। यह मार्गदर्शिका साफ़ और व्यावहारिक तरीके से बताती है कि रंग, मात्रा और खिंचाव कैसे आँकें, आम गलती-कारकों से कैसे बचें, और अवलोकन को ओव्यूलेशन (LH) टेस्ट व बेसल बॉडी टेम्परेचर के साथ प्रभावी ढंग से कैसे जोड़ें।
आधारभूत बातें/परिभाषाएँ
सर्वाइकल म्यूकस गर्भाशय ग्रीवा की ग्रंथियों द्वारा बनता है। अंडोत्सर्जन से पहले एस्ट्रोजेन बढ़ने पर यह साफ़, पानी जैसा और खिंचने योग्य हो जाता है—जिससे शुक्राणुओं का जीवित रहना व आगे बढ़ना आसान होता है। अंडोत्सर्जन के बाद प्रोजेस्टेरोन हावी होता है: म्यूकस गाढ़ा होकर कम पारगम्य “प्लग” जैसा बनता है।
- कार्य: रोगाणुओं से सुरक्षा, शुक्राणुओं का “फ़िल्टर”, परिवहन व पोषण माध्यम।
- pH व संरचना: ओव्यूलेशन के आसपास अधिक क्षारीय व खिंचने योग्य; उसके बाद अधिक सान्द्र और शुक्राणुओं के लिए कम अनुकूल।
- उपजाऊ खिड़की: सबसे अधिक संभावना ओव्यूलेशन से ठीक पहले होती है, जब म्यूकस अधिकतम खिंचाव दिखाता है। NHS: Ovulation & fertility
रंग व स्थिरता — त्वरित मार्गदर्शिका
| चरण | सामान्य रूप | संकेत |
|---|---|---|
| आरंभिक फॉलिक्युलर | कम/चिपचिपा, सफ़ेदपन | आमतौर पर कम उर्वरता |
| ओव्यूलेशन की ओर | क्रीमी, अधिक मुलायम होता हुआ | उर्वरता बढ़ रही है |
| ओव्यूलेशन | साफ़, चमकीला, तार जैसा खिंचाव | उर्वरता का शिखर |
| ल्यूटल | गाढ़ा, सान्द्र “प्लग” | कम उर्वरता |
प्रमाण व मुख्य आँकड़े
- उपजाऊ खिड़की: लगभग पाँच दिन पहले से लेकर ओव्यूलेशन के एक दिन बाद तक; सबसे अधिक संभावना ओव्यूलेशन से 1–2 दिन पहले रहती है। NHS
- सिम्पटोथर्मल तरीका: म्यूकस, आधार तापमान और LH टेस्ट का संयोजन टाइमिंग की सटीकता बढ़ाता है। CDC
- फर्टिलिटी मूल्यांकन: विश्व स्तर पर प्रजनन-आयु वालों में लगभग हर छह में से एक प्रभावित है; चक्र-ट्रैकिंग सहायक है पर निदान का विकल्प नहीं। WHO
- दिशानिर्देश परिप्रेक्ष्य: गर्भधारण न होने या चक्र अस्पष्ट होने पर संरचित जाँच पर विचार करें। NICE CG156
अवलोकन – चरण दर चरण
- नियमित समय: प्रतिदिन एक ही समय (बेहतर है सुबह) जाँचें; चित्र स्पष्ट न हो तो शाम को भी देखें।
- स्वच्छ नमूना: हाथ धोएँ; योनि-प्रवेश पर साफ़ उंगली या टिशू से म्यूकस लें (गहराई तक न डालें)।
- मूल्यांकन मानदंड: रंग (साफ़/सफ़ेदपन), गंध (तटस्थ), मात्रा (हल्की लकीर/बूंद/अधिक) और दो उंगलियों के बीच खिंचाव।
- दस्तावेज़ीकरण: संक्षिप्त नोट (ऐप/डायरी) बनाएँ और भ्रमित करने वाले कारक चिन्हित करें—ल्यूब्रिकेंट, संभोग, योनि-दवाएँ, संक्रमण के लक्षण।
- LH व तापमान से मिलान: LH उछाल सामान्यतः ओव्यूलेशन से 12–36 घंटे पहले आता है; आधार तापमान अंडोत्सर्जन के बाद लगभग 0.2–0.5 °C बढ़ता है। खिंचने वाला म्यूकस, LH-पॉज़िटिव और ताप वृद्धि साथ आएँ तो समय-खिड़की विश्वसनीय रूप से सीमित हो जाती है। CDC
तुलना/विकल्प
| विधि | संकेत | मज़बूतियाँ | सीमाएँ |
|---|---|---|---|
| सर्वाइकल म्यूकस | खिंचाव, पारदर्शिता, मात्रा | निःशुल्क, रोज़मर्रा, तुरंत उपलब्ध | व्यक्तिपरक; ल्यूब्रिकेंट/संक्रमण से प्रभावित |
| LH टेस्ट | ओव्यूलेशन से 12–36 घंटे पहले LH बढ़त | पूर्वानुमेय, वस्तुनिष्ठ | लागत; असामान्य LH पैटर्न में गलत पढ़िंग संभव |
| बेसल तापमान | ओव्यूलेशन के बाद वृद्धि | पश्च-पुष्टिकरण के लिए उपयोगी | पूर्वानुमान नहीं; नियमित माप आवश्यक |
| ग्रीवा स्थिति/खुलाव | ओव्यूलेशन के आसपास ऊँचा/मुलायम/खुला | उपयोगी अतिरिक्त संकेत | अभ्यास की आवश्यकता; सभी के लिए सहज नहीं |
सिम्पटोथर्मल दृष्टिकोण कई संकेतों को जोड़कर अनुमान को अधिक मज़बूत बनाता है। CDC अवलोकन

डॉक्टर से कब मिलें
- लगातार अप्रिय गंध; हरा/पीला, झागदार या रक्त-मिश्रित स्राव
- खुजली, जलन, दर्द, बुखार
- पीरियड के बीच में रक्तस्राव या लंबे समय तक चक्र-गड़बड़ी
- अनचाही बांझपन 12 माह से अधिक (35 वर्ष की आयु के बाद 6 माह से अधिक) — शीघ्र मूल्यांकन उचित है। WHO
मिथक व तथ्य
- मिथक: केवल पूरी तरह पारदर्शी म्यूकस ही उपजाऊ होता है। तथ्य: क्रीमी व अधिक मुलायम म्यूकस भी उर्वरता बढ़ने का संकेत देता है; अधिकतम खिंचाव अक्सर ओव्यूलेशन के समय दिखता है।
- मिथक: केवल सर्वाइकल म्यूकस विधि गर्भनिरोध के लिए काफ़ी है। तथ्य: LH टेस्ट और आधार तापमान के साथ (सिम्पटोथर्मल) जोड़ने पर विश्वसनीयता बढ़ती है। CDC
- मिथक: ल्यूब्रिकेंट म्यूकस को प्रभावित नहीं करता। तथ्य: कई उत्पाद pH व सान्द्रता बदलते हैं; शुक्राणु-अनुकूल जेल चुनें या अवलोकन वाले दिनों में न उपयोग करें।
- मिथक: हर चक्र में म्यूकस-पैटर्न एक-सा रहता है। तथ्य: पैटर्न व्यक्ति व चक्र के अनुसार बदल सकते हैं; नियमित व्यक्तिगत ट्रैकिंग ज़रूरी है।
- मिथक: पीलेपन का दिखना हमेशा संक्रमण है। तथ्य: हल्का पीला सामान्य हो सकता है; गंध/खुजली/दर्द हो तो जाँच कराएँ।
- मिथक: ओव्यूलेशन के आसपास रक्तमिश्रित म्यूकस हमेशा ख़तरनाक है। तथ्य: हल्का “स्पॉटिंग” हो सकता है; अधिक, बार-बार या दर्दयुक्त रक्तस्राव की चिकित्सा जाँच आवश्यक है।
- मिथक: अधिक म्यूकस = पक्की प्रेग्नेंसी। तथ्य: मात्रा बदलती रहती है; केवल म्यूकस से गर्भावस्था सिद्ध नहीं होती।
- मिथक: ओव्यूलेशन के बाद का म्यूकस बेकार है। तथ्य: गाढ़े/सान्द्र रूप में बदलाव चक्र-समझ में मदद करता है और ताप वृद्धि की पुष्टि करता है।
- मिथक: ग्रीवा की स्थिति का म्यूकस से कोई लेना-देना नहीं। तथ्य: दोनों ओव्यूलेशन के आसपास बदलते हैं (म्यूकस खिंचने वाला, ग्रीवा ऊँची/मुलायम/खुली) और साथ-साथ देखना उपयोगी है।
निष्कर्ष
सर्वाइकल म्यूकस एक प्रभावी, निःशुल्क चक्र-सूचक है। संक्षिप्त, स्वच्छ और नियमित अवलोकन से प्रायः उपजाऊ खिड़की पहचान ली जाती है। LH टेस्ट व आधार तापमान के संयोजन से समय-निर्धारण और विश्वसनीय बनता है; चेतावनी संकेत हों तो चिकित्सा परामर्श लें।

