भारत में वीर्यदान (2025): कानूनी जानकारी, ज़िम्मेदारियाँ और आम जोखिम

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ज़ाप्पेलफिलिप मार्क्स
भारत में एक लाइसेंसशुदा लैब में निष्कलंक नमूना-पात्र पकड़े हुए वीर्यदाता

भारत में वीर्यदान कानूनी और विनियमित है—लेकिन केवल पंजीकृत एआरटी (Assisted Reproductive Technology) क्लिनिक/बैंक के माध्यम से। यह गाइड बताता है कि क्या अनुमत है, क्या निषिद्ध/प्रतिबंधित है, क्लिनिक-आधारित दान और निजी/घर पर की जाने वाली व्यवस्थाओं में क्या फर्क है, कानूनी माता-पिता किसे माना जाता है, दान से जन्मे व्यक्ति कौन-सी जानकारी कब पा सकते हैं, और व्यवहार में कहाँ-कहाँ कानूनी/चिकित्सीय जोखिम छुपे रहते हैं। हम सीधे अधिनियम/नियम और सरकारी पोर्टल से लिंक देते हैं: एआरटी अधिनियम, 2021, एआरटी नियम, 2022, राष्ट्रीय एआरटी एवं सरोगेसी पोर्टल, तथा संदर्भ व्याख्या हेतु PRS India – एआरटी बिल संक्षेप

मुख्य कानूनी ढाँचा (भारत)

एआरटी अधिनियम, 2021 और एआरटी नियम, 2022 एआरटी क्लिनिक/बैंकों का पंजीकरण, जाँच-पड़ताल, सहमति, रिकॉर्ड-रखरखाव और राष्ट्रीय रजिस्ट्री को रिपोर्टिंग अनिवार्य करते हैं (कानूनी पाठ: अधिनियम; नियम: Rules 2022). अधिनियम के अनुसार एआरटी सेवाएँ सामान्यतः 21–50 वर्ष आयु की स्त्री और 21–55 वर्ष आयु के पुरुष पर लागू की जाती हैं (धारा 21(ग)).

  • दाताओं की पात्रता/आयु: एआरटी बैंक वीर्य 21–55 वर्ष के पुरुषों से प्राप्त कर सकते हैं; पहचान, चिकित्सीय इतिहास और स्क्रीनिंग अनिवार्य (PRS India).
  • गोपनीयता और अभिलेख: क्लिनिक/बैंक विस्तृत रिकॉर्ड रखते हैं और राष्ट्रीय रजिस्ट्री को रिपोर्ट करते हैं; दाता-पहचान गुप्त रखी जाती है (Rules 2022).
  • लिखित सूचित सहमति: किसी भी प्रक्रिया से पहले सभी पक्षों की लिखित सहमति आवश्यक है (धारा 22).
  • लिंग-चयन निषिद्ध: सेक्स-सेलेक्शन प्रतिबंधित है; संबंधित दंड लागू (अधिनियम).

क्लिनिक दान बनाम घर/निजी व्यवस्था

पंजीकृत एआरटी क्लिनिक/बैंक

  • कानूनी मातृत्व/पितृत्व: क्लिनिक-आधारित और विधिवत सहमति के साथ, दाता को कानूनी माता-पिता नहीं माना जाता; अभिभावकत्व इच्छुक दम्पति/महिला पर स्थापित होता है (नीति-ढाँचा: अधिनियम).
  • स्क्रीनिंग/ट्रेसेबिलिटी: एचआईवी, हेपेटाइटिस B/C, सिफलिस व अन्य एसटीआई परीक्षण, गुणवत्ता नियंत्रण, तथा ट्रैक-एंड-ट्रेस रिकॉर्ड अनिवार्य (Rules 2022).
  • राष्ट्रीय रजिस्ट्री: नामांकन, प्रक्रिया-विवरण और परिणामों की नियमित रिपोर्टिंग आवश्यक (National ART & Surrogacy Portal).

घर/निजी (होम-इंसिमिनेशन)

  • कानूनी जोखिम: पंजीकृत ढाँचे के बाहर दान प्राप्त/उपयोग करना अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करा सकता है; वंश/भरण-पोषण/गोपनीयता विवाद उभर सकते हैं (कानूनी ढाँचा: एआरटी अधिनियम).
  • चिकित्सीय जोखिम: मानक स्क्रीनिंग, क्वारंटीन और चेन-ऑफ-कस्टडी नहीं; संक्रमण/ट्रेसेबिलिटी का जोखिम ऊँचा।

भारत में कौन-कौन दाता-वीर्य का उपयोग कर सकते हैं?

एआरटी सेवाएँ क्लिनिकल उपयुक्तता के अधीन विवाहित दम्पति या महिला (21–50 वर्ष) के लिए उपलब्ध हैं; पात्रता/नीतियाँ संस्थान-विशिष्ट हो सकती हैं (क़ानूनी परिभाषाएँ व आयु: एआरटी अधिनियम). सरोगेसी के लिए अलग, अधिक कड़े नियम लागू हैं—2023/2024 संशोधनों में डोनर गैमीट के उपयोग पर बड़े प्रतिबंध रहे हैं; न्यायालयों में चुनौती भी हुई है (Surrogacy Rules 2024 विश्लेषण).

दाता-गोपनीयता और दान से जन्मे व्यक्ति के अधिकार

भारत में दाता-पहचान सामान्यतः गोपनीय रहती है। क्लिनिक/बैंक चिकित्सा-इतिहास जैसी आवश्यक non-identifying जानकारी रखते/देते हैं, परंतु संतानों को दाता की पहचान बताने का कोई विशिष्ट वैधानिक अधिकार निर्धारित नहीं है—गोपनीयता अधिनियम/नियमों के तहत संरक्षित है (ढाँचा: Rules 2022; नीति-संदर्भ: PRS India).

चिकित्सीय मानक और सामान्य क्लिनिक-पाथवे

पंजीकृत केंद्र एचआईवी/हेपेटाइटिस B-C/सिफलिस आदि का अनिवार्य परीक्षण, गुणवत्तानियंत्रण, फ्रीजिंग/क्वारंटीन (जहाँ लागू), और लिखित सहमति के साथ प्रक्रियाएँ करते हैं; सभी चरणों का दस्तावेजीकरण और रजिस्ट्री को रिपोर्टिंग आवश्यक है (Rules 2022; राज्य/केंद्र FAQs: Kerala DHS ART FAQ 2025).

  1. परामर्श व सहमति (कानूनी/चिकित्सीय; मानक सहमति-फॉर्म)
  2. दाता-चयन एआरटी बैंक के माध्यम से—प्री-स्क्रीन किए गए गुमनाम दाता, मिलान/मैचिंग बैंक-नीति अनुसार (क्लिनिकल व्याख्या)
  3. तैयारी (साइकिल-मॉनिटरिंग/औषधियाँ)
  4. प्रक्रिया (IUI या IVF/ICSI, क्लिनिकल इंडिकेशन अनुसार)
  5. फॉलो-अप (प्रेग्नेंसी-टेस्ट; डिस्चार्ज सारांश; रजिस्ट्री रिपोर्ट)

कानूनी परिणाम: भरण-पोषण, कर और उत्तराधिकार

भरण-पोषण/कानूनी पितृत्व

पंजीकृत क्लिनिक-मार्ग और वैध सहमतियों के साथ दाता को न तो कानूनी अभिभावक माना जाता है, न ही उस पर अभिभावकीय दायित्व आते हैं। अनियमित/निजी व्यवस्थाओं में यह सुरक्षा नहीं रहती—विवाद उत्पन्न हो सकते हैं (सिद्धांततः ढाँचा: एआरटी अधिनियम).

कर-उपचार

एआरटी/आईवीएफ खर्चों का कर-उपचार परिस्थितिनिर्भर है; आयकर कानून के तहत सामान्य स्वास्थ्य-खर्च कटौतियाँ सीमित हैं। व्यक्तिगत मामलों के लिए टैक्स प्रोफ़ेशनल से परामर्श लें (नवीनतम परिपत्र/निर्देश देखें)।

उत्तराधिकार

उत्तराधिकार कानूनी मातृत्व/पितृत्व पर निर्भर करता है। क्लिनिक-मार्ग में दाता और बच्चे के बीच उत्तराधिकार-संबंध उत्पन्न नहीं होते; निजी/अनियमित सेट-अप में स्थिति विवादित हो सकती है।

आम भारतीय जोखिम—किस बात पर ध्यान दें

  • होम-इंसिमिनेशन/ऑनलाइन “अनाम” दाता: मानक जाँच/ट्रेसेबिलिटी/कानूनी सुरक्षा नहीं—भरण-पोषण, गोपनीयता और चिकित्सीय विवाद का उच्च जोखिम।
  • गलत/अधूरे सहमति-दस्तावेज: इच्छित अभिभावकत्व पर आंच; केवल पंजीकृत संस्थान के समुचित फॉर्म पर हस्ताक्षर करें और प्रतियाँ सुरक्षित रखें (धारा 22).
  • क्रॉस-बॉर्डर उपयोग: आयात/निर्यात पर भारतीय नियम लागू; विदेश में अलग सीमाएँ/नीतियाँ हो सकती हैं—पहले से लिखित स्पष्टता लें (राष्ट्रीय पोर्टल).
  • सरोगेसी में दाता-गैमीट: 2023/2024 के संशोधनों में कड़े प्रतिबंध—ताज़ा न्यायिक/नीतिगत स्थिति अवश्य जाँचें (Surrogacy Rules 2024 विश्लेषण).

RattleStork के साथ निजी मार्ग: अनुपालन-चेकलिस्ट (IN)

  • डिजिटल प्लान करें, प्रक्रिया केवल पंजीकृत एआरटी क्लिनिक/बैंक में कराएँ (पंजीकरण/रजिस्ट्री जाँच).
  • लिखित सहमति पहले से भरें; डिस्चार्ज सारांश/रसीदें/टेस्ट-रिपोर्ट सुरक्षित रखें (धारा 22–24).
  • दाता-चयन/मैचिंग बैंक-नीति के अनुसार—पहचान गोपनीय रहेगी; मेडिकल-हिस्ट्री (non-identifying) तक पहुँ‍च का तरीका लिखित में लें (Rules 2022).
  • सरोगेसी/क्रॉस-बॉर्डर मामलों में अग्रिम कानूनी सलाह लें; ताज़ा नियम/अदालती आदेश देखें (अपडेट).
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डिजिटल रूप से योजना बनाएँ—और पंजीकृत, नियम-अनुरूप सेट-अप में प्रक्रिया करके कानूनी व चिकित्सीय सुरक्षा अधिकतम करें।

निष्कर्ष

भारत का मॉडल पंजीकृत एआरटी ढाँचे, दाता-गोपनीयता, सख्त स्क्रीनिंग/रिकॉर्डिंग और राष्ट्रीय रजिस्ट्री पर आधारित है। कानूनी सुरक्षा सही सहमति और दस्तावेज़-श्रृंखला से बनती है—न कि निजी, बिना-निगरानी व्यवस्थाओं से। आगे पढ़ें: एआरटी अधिनियम 2021, एआरटी नियम 2022, राष्ट्रीय एआरटी/सरोगेसी पोर्टल, तथा आयु/दाताओं पर संक्षेप: PRS India.

अस्वीकरण: RattleStork की सामग्री केवल सामान्य सूचना और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए प्रदान की जाती है। यह चिकित्सीय, कानूनी या पेशेवर सलाह नहीं है; किसी विशेष परिणाम की गारंटी नहीं है। इस जानकारी का उपयोग आपके स्वयं के जोखिम पर है। विवरण के लिए हमारा पूरा अस्वीकरण.

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

हाँ। यह एआरटी अधिनियम, 2021 और एआरटी नियम, 2022 के तहत केवल पंजीकृत एआरटी क्लिनिक/बैंकों के माध्यम से क़ानूनी और विनियमित है।

क्लिनिक में अनिवार्य स्क्रीनिंग (HIV, Hep-B/C, सिफ़लिस, आदि), क्वारंटीन/फ्रीज़िंग, चेन-ऑफ़-कस्टडी और पूर्ण दस्तावेज़ीकरण होता है—और दाता को कानूनी अभिभावक नहीं माना जाता। घर/निजी सेटअप में ये सुरक्षा-व्‍यवस्‍थाएँ नहीं होतीं, जिससे संक्रमण, गोपनीयता व पितृत्व/भरण-पोषण विवाद का जोखिम बढ़ता है।

क्लिनिकल उपयुक्तता के अधीन विवाहित दम्पति और 21–50 वर्ष की महिला (सिंगल भी) एआरटी सेवाएँ ले सकती हैं। संस्थान-विशिष्ट पात्रता/नीतियाँ लागू हो सकती हैं। सरोगेसी के लिए अलग, अधिक कड़े नियम हैं।

पंजीकृत क्लिनिक और वैध सहमति-दस्‍तावेज़ों के साथ, दाता को कानूनी अभिभावक नहीं माना जाता और उस पर अभिभावकीय दायित्व लागू नहीं होते। निजी/अनियमित व्यवस्थाओं में यह सुरक्षा कमज़ोर हो जाती है।

भारत में दाता-पहचान सामान्यतः गोपनीय रहती है। क्लिनिक/बैंक केवल non-identifying चिकित्सीय जानकारी रखते/साझा करते हैं। दान से जन्मे व्यक्‍ति के लिए दाता-पहचान प्राप्त करने का कोई विशिष्ट वैधानिक अधिकार निर्धारित नहीं है।

एआरटी बैंक 21–55 वर्ष के पुरुषों से वीर्य लेते हैं। एआरटी सेवाएँ आम तौर पर 21–50 वर्ष की महिला पर लागू होती हैं। पहचान, चिकित्सीय इतिहास और स्क्रीनिंग अनिवार्य है।

क़ानून में राष्ट्रीय स्तर पर स्पष्ट फैमिली-कैप नहीं तय है। कई बैंक अपने आंतरिक नीति-सीमाएँ रखते हैं (उदा., एक दाता का सीमित वितरण)। अपने बैंक से लिखित में नीति माँगें—देश/विदेश में उपयोग को मिलाकर।

दान का व्यापारीकरण निषिद्ध है। सामान्यतः वाजिब खर्च की प्रतिपूर्ति/स्टाइपेंड संस्थान-नीति अनुसार हो सकता है—हमेशा पंजीकृत बैंक/क्लिनिक के ज़रिए ही प्रक्रिया करें और अनुबंध ध्यान से पढ़ें।

लिखित सूचित सहमति (सही फ़ॉर्मैट में), स्क्रीनिंग/लैब-रिपोर्ट, बैच/स्ट्रॉ-आईडी, डिस्चार्ज-समरी, इनवॉयस/रसीदें, और रजिस्ट्री/पोर्टल-एंट्री का प्रमाण—सभी की मुहरदार/डिजिटल कॉपी सुरक्षित रखें।

आयात/निर्यात संभव है पर यह भारतीय नियमों, दस्तावेज़ी सुसंगति और गंतव्य देश के क़ानून के अनुरूप होना चाहिए। क्रॉस-बॉर्डर उपयोग फैमिली-कैप/रिपोर्टिंग को जटिल बना सकता है—बैंक से इसकी लिखित नीति लें।

सरोगेसी पर अलग विनियमन लागू है और हालिया संशोधनों में डोनर गैमीट के उपयोग पर कड़े प्रतिबंध हैं। यदि सरोगेसी की योजना है, तो नवीनतम नियम/अदालती स्थिति जाँच कर ही आगे बढ़ें और विशेषज्ञ कानूनी सलाह लें।

फ्रीज़िंग/क्वारंटीन तथा स्टोरेज-अवधि संस्थान-नीति और गुणवत्ता मानकों के अनुसार होती है। अवधि, शुल्क, नवीनीकरण और उपयोग-अनुमति (consent renewal) लिखित में स्पष्ट करें।

घर/ऑनलाइन “अनाम” दाता से बिना स्क्रीनिंग/दस्तावेज़ प्रक्रिया करना • गलत/अधूरे सहमति-फॉर्म • फैमिली-कैप/क्रॉस-बॉर्डर उपयोग पर लिखित स्पष्टता न लेना • दस्तावेज़ सुरक्षित न रखना • सरोगेसी/जटिल मामलों में कानूनी सलाह न लेना।

RattleStork से केवल योजना/दस्‍तावेज़-ऑर्गनाइज़ करें—प्रक्रिया हमेशा पंजीकृत एआरटी क्लिनिक/बैंक में ही कराएँ। वहीं कानूनी अभिभावकत्व सुरक्षित होता है, स्वास्थ्य-जोखिम घटते हैं और रजिस्ट्री/रिकॉर्डिंग सुनिश्चित रहती है।

1) क्लिनिक/बैंक के पंजीकरण की पुष्टि • 2) सभी पक्षों की लिखित सहमति पहले से • 3) स्क्रीनिंग/क्वालिटी व चेन-ऑफ़-कस्टडी की लिखित पुष्टि • 4) फैमिली-कैप/क्रॉस-बॉर्डर नीति लिखित में • 5) हर रिपोर्ट/रसीद/समरी सुरक्षित रखें • 6) सरोगेसी/जटिल मामलों में विशेषज्ञ वकील से सलाह।